Friday, July 20, 2012

ओलिंपिक का सफरनामा

ओलिंपिक का इतिहास बहुत पुराना है और प्राचीन काल में यह ग्रीस यानी यूनान में बहुत लोकप्रिय था। ग्रीस के ओलिंपिया पर्वत पर खेले जाने के कारण इसका नाम ओलंपिक पड़ा। लेकिन, प्राचीन यूनान के पतन के साथ यह खेल भी इतिहास के पन्नों में कहीं खो गया। वक्त ने करवट बदली और मॉडर्न ओलिंपिक की शुरुआत 1896 में हुई। पहले आधुनिक ओलिंपिक खेलों का आयोजन ग्रीस के ऐतिहासिक शहर ऐंथेंस में किया गया। आधुनिक ओलंपिक के जनक फ्रांस के पीयरे द कुबर्तन माने जाते हैं। उन्हीं के प्रयासों से ओलिंपिक का पुनर्जीवन संभव हो सका। 1896 से शुरू हुआ आधुनिक ओलिंपिक तमाम उतार-चढ़ाव के साथ लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। 
ओलिंपिक 1896
स्थान: एथेंस (ग्रीस)
विशेष: पहला मॉडर्न ओलिंपिक जिसमें 14 देशों के 245 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।


आधुनिक ओलिंपिक गेम्स 1900 में पैरिस में होने तय थे लेकिन 4 साल पहले ही ऐंथेंस में आयोजन कराया गया। पहले ओलिंपिक गेम्स में वेट लिफ्टिंग, जिम्नास्टिक, स्विमिंग, टेनिस, ट्रैक ऐंड फील्ड, साइकिलिंग, रेसलिंग, तीरंदाजी जैसे खेल शामिल थे। मुकाबलों में पहले स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को सिल्वर मेडल, सर्टिफिकेट और ऑलिव लीव्स दिए जाते थे। वहीं दूसरे नंबर पर रहने वाले खिलाड़ियों को ब्रॉन्ज़ मेडल दिए जाते थे, लेकिन तीसरे नंबर पर रहने वाले खिलाड़ियों को कुछ नहीं दिया जाता था। गेम्स के दौरान ग्रीस के खिलाड़ियों का ही दबदबा रहा।

ओलिंपिक 1900
स्थान: पैरिस (फ्रांस)
विशेष: पहली बार महिलाओं ने हिस्सा लिया। 11 नए देश जुड़े, लॉन टेनिस और गोल्फ को शामिल किया गया।

ग्रीस दावा कर रहा था कि भविष्य में सभी ओलिंपिक गेम्स वहीं कराए जाएं। लेकिन, ओलिंपिक समिति ने पैरिस को चुना। पैरिस में ओलिंपिक तो हुए लेकिन लोगों में ग्रीस की तरह उत्साह नहीं था। दरअसल आयोजन कराने वालों की लापरवाही की वजह से लोगों को इस जानकारी ही नहीं थी उनके यहां इतने बड़े गेम्स चल रहे हैं। क्रिकेट को भी पहली बार शामिल किया गया था। गेम्स मई में शुरू होकर अक्टूबर तक चले, लेकिन बहुत सारे लोगों को यह ही मालूम नहीं था कि वह ओलिंपिक गेम्स में भाग ले रहे हैं।

ओलिंपिक 1904
स्थान: सेंट लुई (अमेरिका)
विशेष: विजेताओं को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज़ मेडल दिए जाने की शुरुआत हुई

ओलिंपिक की मेजबानी पहले शिकागो को दी गई थी, लेकिन सेंट लुई के आयोजकों ने उसी दौरान एक और प्रतियोगिता कराने की धमकी दे दी। बाद में शिकागो के बजाए सेंट लूई में ही ओलिंपिक का आयोजन कराया गया। गेम्स साढ़े चार महीने तक चले, लेकिन यहां भी लोगों ने ज्यादा इंटरेस्ट नहीं दिखाया। गेम्स में हिस्सा लेने वाले देशों की संख्या भी कम ही रही। बहुत से मुकाबलों में सिर्फ अमेरिका के ही खिलाड़ी ही भाग ले रहे थे।

ओलिंपिक 1908
स्थान: लंदन, (ब्रिटेन)
विशेष: खिलाड़ी पहली बार अपने-अपने नैशनल फ्लैग के साथ स्टेडियम में दाखिल हुए।

पहले तय किया गया था कि 1908 के ओलिंपिक गेम्स रोम में होंगे, लेकिन 1906 में माउंट विसूवियस ज्वालामुखी में होने की वजह से आयोजन को लंदन शिफ्ट कर दिया गया। 10 महीनों के अंदर ही वाइट सिटी में एक स्टेडियम तैयार किया गया। लंदन ओलिंपिक्स में 21 नए गेम्स शामिल किए गए। इन गेम्स में 100 मुकाबलों में 2000 के करीब खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

ओलिंपिक 1912
स्थान: स्टॉकहोम (स्वीडन)
विशेष: महिलाओं ने पहली बार स्विमिंग में भाग लिया

स्टॉकहोम में हुए ओलिंपिक में सिर्फ 14 ही गेम्स में मुकाबले हुए। इन गेम्स में शानदार प्रदर्शन करने वाले अमेरिकन खिलाड़ी जिम थोर्प को स्वीडन के राजा ने दुनिया का सबसे महान खिलाड़ी कहकर बुलाया। उस वक्त ओलिंपिक में उन्हीं खिलाड़ियों को मौका मिलता था, जो प्रफेशनल नहीं होते थे। बाद में आईओसी ने उनसे उनका मेडल यह कहकर छीन लिया कि उन्होंने ओलिंपिक के नियमों को तोड़ा है क्योंकि थोर्प प्रफेशन खिलाड़ी थे। हालांकि, उनकी मौत के 29 साल बाद साल 2982 में आईओसी ने उन्हें आधिकारिक रूप से माफी दे दी।

ओलिंपिक 1916
स्थान: बर्लिन (जर्मनी)
विशेष: वर्ल्ड वॉर के कारण आयोजन रद्द

1916 के ओलिंपिक गेम्स बर्लिन में होने तय थे, लेकिन विश्व युद्ध के कारण आयोजन को रद्द कर दिया गया।

ओलिंपिक 1920
स्थान: एंटवर्प (बेल्जियम)
विशेष: पहली बार ओलिंपिक गेम्स के प्रतीक चिह्न के रूप में 5 रिंग्स दिखे

1920 में बेल्जियम को ओलिंपिक्स की मेजबानी मिली। हालांकि, बेल्जियम को भी वर्ल्ड वॉर की मार झेलनी पड़ी थी, लेकिन एंटवर्प में गेम्स के आयोजन की तैयारी कर ली गई। जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, तुर्की और बुल्गारिया को वर्ल्ड वॉर में शामिल होने के कारण गेम्स से अलग रखा गया। एंटवर्प ओलिंपिक के दौरान ही गेम्स का आधिकारिक प्रतीक चिह्न सामने आया। एक झंडे में आपस में जुड़े 5 रिंग्स बनाए गए थे जो कि एकता और भाईचारे के प्रतीक थे।

ओलिंपिक 1924
स्थान: पैरिस (फ्रांस)
विशेष: पहली बार एक अश्वेत खिलाड़ी ने व्यक्तिगत मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता

पहले तय किया गया था कि 1924 के ओलिंपिक गेम्स एम्सटर्डम में होंगे, लेकिन ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष पीयरे द कुबर्तन की कोशिशों से आयोजन पैरिस में कराया गया। इस बार भी जर्मनी को ओलिंपिक गेम्स में हिस्सा नहीं लेने दिया गया, जबकि 1920 के गेम्स से बाहर रखे गए बाकी 4 देशों को शामिल कर लिया गया। भारत की तरफ से खेल रहे ब्रिटिश ऐथलीट नॉरमन ट्रेवर 2 सिल्वर मेडल जीते।

ओलिंपिक 1928
स्थान: एम्सटर्डम (नीदरलैंड्स)
विशेष: ओपनिंग सेरमनी में 2 परंपराओं की शुरुआत- ओलिंपिक मशान जलाना और परेड में सबसे आगे ग्रीस और सबसे आखिर में मेजबान देश। भारतीय हॉकी टीम का पहला गोल्ड मेडल

1928 में नीदरलैंड को ओलिंपिक गेम्स की मेजबानी करने का मौका मिला। 16 साल से बैन रहे जर्मनी को भी गेम्स में हिस्सा लेने का मौका दिया गया। ट्रैक ऐंड फील्ड मुकाबलों में पहली बार महिलाओं ने हिस्सा लिया हालांकि, मॉडर्न ओलिंपिक गेम्स के संस्थापक पिया द कुबर्तां इसके खिलाफ थे। इस बारे वह बीमारी के कारण खुद भी गेम्स देखने नहीं आ पाए थे। भारतीय मेन्स हॉकी टीम ने इसी ओलिंपिक में पहला गोल्ड मेडल हासिल किया।

ओलिंपिक 1932
स्थान: लॉस एंजिलिस (अमेरिका)
विशेष: लॉस एंजिलिस जाने के भारी भरकम खर्च के कारण कम देशों ने भाग लिया। सिर्फ 16 दिन तक चले गेम्स

1932 वह दौर था जब पूरी दुनिया में आर्थिक संकट से घिरी हुई थी। ऐसे में गेम्स में हिस्सा लेने वालों की तादाद घटकर लगभग आधी रह गई। इसी दौरान नई टेक्नॉलजी को आज़माया गया और फोटो फिनिश कैमरा इस्तेमाल किया गया। भारत की मेन्स हॉकी टीम ने फिर गोल्ड पर कब्जा जमाया।

ओलिंपिक 1936
स्थान: बर्लिन (जर्मनी)
विशेष: ग्रीस में टॉर्च रिले की शुरुआत। हिटलर का ऐलान कि सिर्फ आर्यन रेस के खिलाड़ी ही जर्मनी की तरफ से खेलेंगे

अमेरिका समेत कई देश जर्मनी में ओलिंपिक का बहिष्कार करने की बात कह रहे थे। लेकिन 1935 में बर्लिन में विंटर ओलिंपिक का सफल आयोजन हुआ था। ऐसे में बढ़ते हुए नाजीवाद के बावजूद आईओसी ने बर्लिन में ही आयोजन कराने का फैसला किया। अमेरिका और ब्रिटेन की टीमें ओपनिंग सेरमनी में शामिल नहीं हुईं। जर्मनी मेडल टैली में 33 मेडल्स के साथ सबसे ऊपर रहा। अमेरिका ने 24 और हंगरी ने 10 मेडल जीते। इंडियन मेन्स हॉकी टीम ने गोल्ड मेडल जीता।

ओलिंपिक 1948
स्थान: लंदन, (ब्रिटेन)
विशेष: सेकंड वर्ल्ड वॉर के कारण 12 साल बाद गेम्स का आयोजन। जर्मनी और जापान को नहीं बुलाया गया।

पहले साल 1944 में ही लंदन में ओलिंपिक का आयोजन होना था, लेकिन वर्ल्ड वॉर की वजह से आयोजन रद्द कर दिया गया। इसके बाद साल 1948 में लंदन को मेजबानी का मौका मिला। जर्मनी और जापान को खेलों से अलग रखा गया था। वहीं ओलिंपिक समिति से मान्यता न मिलने के कारण सोवियत रूस के खिलाड़ियों ने हिस्सा नहीं लिया। ओलिंपिक विलेज न बन पाने की वजह से खिलाड़ियों को बैरकों और कॉलेजों में ठहराया गया था। मेडल टैली में सबसे ऊपर अमेरिका, दूसरे पर स्वीडन और तीसरे नंबर पर फ्रांस रहा। इंडियन मेन्स हॉकी टीम ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया।

ओलिंपिक 1952
स्थान: हेलसिंकी (फिनलैंड)
विशेष: रूस के ऐथलीट्स की वापसी, जिमनास्ट में छाए सोवियत

हेलसिंकी ओलिंपिक गेम्स में कम्युनिस्ट और पूंजीवादी देशों के बीच का टकराव देखने को मिल रहा था। 1912 के बाद एक बार फिर से रूस के ऐथलीट्स ओलिंपिक में हिस्सा ले रहे थे। जिम्नास्ट मुकाबलों में रूस के ऐथलीट्स ही छाए रहे। इंडियन मेन्स हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन जारी रहा और यहां भी उसने गोल्ड पर कब्जा किया। भारत के लिए खाशाबा दादासाहेब जाधव ने फ्री स्टाइल रेसलिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता। ओलिंपिक में अकेले मेडल हासिल करने वाले वह भारत के पहले खिलाड़ी रहे।

ओलिंपिक 1956
स्थान: मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया)
विशेष: कई देशों ने किया बहिष्कार, कुछ ने वापस लिए नाम

मेलबर्न ओलिंपिक गेम्स कई वजहों से चर्चा में रहे। यूरोप और अमेरिकी देशों को ऑस्ट्रेलिया के मौसम से काफी परेशानी हुई तो कई देशों ने खर्च ज्यादा होने के कारण नाम वापस ले लिया। ऑस्ट्रेलिया में ये बाहर से आने वाले जानवरों को 6 महीने तक अलग रखने का नियम था। ऐसे में घुड़सवारी की प्रतियोगिता का आयोजन स्टॉकहोम (स्वीडन) में किया गया। इंडियन मेन्स हॉकी टीम ने गोल्ड मेडल जीता।

ओलिंपिक 1960
स्थान: रोम (इटली)
विशेष: ओलिंपिक गेम्स का पहला टीवी प्रसारण

यह पहला मौका था जब गेम्स का दुनिया भर में टीवी प्रसारण किया गया। इस ओलिंपिक में ही अमेरिकन बॉक्सर कैसियस क्ले (मोहम्मद अली) हीरो बनकर उभरे। इन गेम्स पहले नंबर के लिए हर बार की तरह अमेरिका और सोवियस रूस के बीच में मुकाबला हुआ लेकिन 42 मेडल्स के साथ सोवियत रूस ने बाजी मारी। इंडियन मेन्स हॉकी टीम ने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया।

ओलिंपिक 1964
स्थान: तोक्यो (जापान)
विशेष: एशिया में पहला आयोजन

यह पहला मौका था जब एशिया में ओलिंपिक गेम्स का आयोजन किया गया। इन गेम्स में साउथ अफ्रीका को बुलाया नहीं गया था, जबकि इंडोनेशिया और नॉर्थ कोरिया पर बैन लगा दिया गया था। इंडियन मेन्स हॉकी टीम ने देश के लिए गोल्ड जीता।

ओलिंपिक 1968
स्थान: मेक्सिको सिटी (मेक्सिको)
विशेष: अमेरिकी खिलाड़ियों का 'ब्लैक पावर सैल्यूट'

अफ्रीका के अश्वेत देशों की चेतावनी के कारण साउथ अफ्रीका को गेम्स से बाहर रखा गया। मेडल दिए जाने के दौरान अमेरिका के 2 ऐथलीट्स ने अपने ब्लैक ग्लव्स उठाकर सांकेतिक विरोध किया। इसे ब्लैक पावर सैल्यूट कहकर बुलाया गया। इंडियन मेन्ज़ हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया।

ओलिंपिक 1972
स्थान: म्यूनिख (वेस्ट जर्मनी)
विशेष: ओलिंपिक विलेज में आतंकी हमला, 11 ऐथलीट्स की हत्या

फिलिस्तीनी आतंकियों ने गेम्स विलेज में घुसकर इस्राइली ऐथलीट्स को बंधक बना लिया। इस हमले में 11 ऐथलीट्स मारे गए। हादसे के दूसरे दिन गेम्स को रद्द कर दिया गया, लेकिन बाद में फिस गेम्स को शुरू कर दिया गया। रोडेशिया (बाद में जिम्बाब्वे) को रंगभेद के कारण गेम्स से वापस भेज दिया गया। इस बार भी इंडियन मेन्स हॉकी टीम को ब्रॉन्ज से गुजारा करना पड़ा।

ओलिंपिक 1976
स्थान: मॉन्ट्रियल (कनाडा)
विशेष: न्यू जीलैंड के विरोध में 22 देशों ने किया बहिष्कार

मॉन्ट्रियल ओलिंपिक में रजिस्टर्ड 116 टीमों में से 24 ने हिस्सा नहीं लिया। इनमें अफ्रीका के 22 अश्वेत देश शामिल थे जो न्यू जीलैंड के ओलिंपिक में हिस्सा लेने का विरोध कर रहे थे। न्यू जीलैंड ने साउथ अफ्रीका में जाकर रग्बी मैच खेला था, जबकि साउथ अफ्रीका में जारी रंगभेद की दुनिया भर में आलोचना हो रही थी। इसके अलावा वक्त पर तैयारियां न होने की वजह से भी गेम्स का मजरा किरकिरा हो गया।

ओलिंपिक 1980
स्थान: मॉस्को (सोवियत यूनियन)
विशेष: अफगानिस्तान में सोवियत घुसपैठ के विरोध में 60 देशों का बहिष्कार

1979 में अफगानिस्तान में सोवियत हमले के विरोध में अमेरिका, जापान और वेस्ट जर्मनी समेत 60 देशों ने गेम्स का बहिष्कार कर दिया था। इसके बावजूद गेम्स का स्तर अच्छा रहा था और कई रेकॉर्ड बनाने। इंडियन मेन्स हॉकी टीम ने देश के लिए गोल्ड मेडल जीता।

ओलिंपिक 1984
स्थान: लॉस एंजिलिस (अमेरिका)
विशेष: सोवियत और सहयोगी देशों ने गेम्स में हिस्सा नहीं लिया।

सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए सोवियत यूनियन ने लॉस एंजिलिस ओलिंपिक गेम्स में भाग लेने से इनकार कर दिया। लेकिन यही माना गया कि अमेरिका ने मॉस्को ओलिंपिक का बहिष्कार किया था, इसीलिए सोवियत संघ ने इसका बदला लिया है।

ओलिंपिक 1988
स्थान: सोल (साउथ कोरिया)
विशेष: ड्रग स्कैंडल ने छीना गोल्ड मेडल, 62 साल बाद टेनिस की वापसी

सोल ओलिंपिक में ड्रग्स स्कैंडल छाया रहा। कनाडा के बेन जॉनसन ने 100 मीटर दौड़ में वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता, लेकिन 3 दिन बाद डोप टेस्ट पॉजिटिव पाया गया और उनसे खिताब छीन लिया गया।

ओलिंपिक 1992
स्थान: बार्सिलोना (स्पेन)
विशेष: किसी देश ने बहिष्कार नहीं किया

बार्सिलोना का ओलिंपिक कई मायनों में सफल रहा। किसी भी देश ने गेम्स का बहिष्कार नहीं किया। साउथ अफ्रीका, एकीकृत जर्मनी, और क्यूबा ने भी इसमें भाग लिया। उद्घाटन समारोह में अफगानिस्तान ने भी हिस्सा लिया जबकि उनका कोई भी खिलाड़ी मुकाबले में नहीं उतर रहा था।

ओलिंपिक 1996
स्थान: अटलांटा (अमेरिका)
विशेष: सेंटेनियल ओलिंपिक पार्क में धमाका

एक बार फिर ओलिंपिक पर आतंकी हमला हुआ। सेंटेनियल ओलिंपिक पार्क में बम धमाके में 1 दर्शन की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए। हादसे के बावजूद ओलिंपिक को सफल माना गया। मॉडर्न ओलिंपिक की 100 वीं सालगिरह अटलांटा ओलिंपिक में ही मनाई गई। भारत के लिए लिएंडर पेस ने टेनिस के मेन्स सिंगल मुकाबले में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

ओलिंपिक 2000
स्थान: सिडनी (ऑस्ट्रेलिया)
विशेष: सबसे सफल आयोजनों में से एक

सिडनी ओलिंपिक को सबसे सफल ओलिंपिक माना जाता है। 97 मेडल जीतकर बाजी मारी अमेरिका ने। भारत के लिए कर्णम मल्लेशवरी ने वेटलिफ्टिंग में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।

ओलिंपिक 2004
स्थान: ऐथेंस (ग्रीस)
विशेष: अपनी जन्मभूमि लौटे गेम्स

एक बार फिर ऐतिहासिक ऐथेंस में गेम्स का आयोजन किया गया। रेकॉर्ड 201 देशों ने हिस्सा लिया। पहली बार इंटरनेट पर गेम्स का प्रसारण किया गया। भारत की ओर से 75 सदस्यीय दल ने भाग लिया, लेकिन निशानेबाज़ी में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने देश के लिए इकलौता सिल्वर मेडल जीता।

ओलिंपिक 2008
स्थान: पेइचिंग (चीन)
विशेष: तिब्बत की आजादी के समर्थकों के विरोध के बावजूद सफल आयोजन।

चीन में ह्यूमन राइट्स की खराब हालत और तिब्बत की आजादी की मांग को लेकर कई संगठनों पेइचिंग में ओलिंपिक कराने का विरोध किया, लेकिन आयोजन बेहद सफल रहा। भारत को गेम्स में 3 मेडल मिले। अभिवन बिंद्रा ने शूटिंग में गोल्ड, विजेन्दर कुमार ने बॉक्सिंग और सुशील कुमार ने कुश्ती में सिल्वर मेडल हासिल किया।

ओलिंपिक 2012
स्थान: लंदन (ब्रिटेन)
विशेष: स्ट्रैटफर्ड में 200 हेक्टेयर में बना है ओलिंपिक पार्क

2012 ओलिंपिक गेम्स के आयोजन के साथ ही लंदन पहला ऐसा शहर बन जाएगा जिसे 3 बार मॉडर्न ओलिंपिक गेम्स की मेजबानी करने का मौका मिला है। इससे पहले साल 1908 और 1948 में भी यहां ओलिंपिक गेम्स हो चुके हैं। हालांकि अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों ने गेम्स के दौरान हमले की धमकी दी है, लेकिन बेहतर प्लानिग और सुरक्षा व्यवस्था के बीच गेम्स का आयोजन काफी भव्य और सफल रहने की उम्मीद है।
 
Navbhart Times

Thursday, July 19, 2012

Union Territory Capital



1. Andaman & Nicobar Islands
Port Blair

2.Chandigarh
Chandigarh

3. Dadra & Nagar Haveli
Silvasa

4. Daman & Diu
Daman

5. Lakshadweep
Kavaratti

6.Pondicherry
Pondicherry

7.Delhi
Delhi

List of Indian state and Capital

Indian State and Capital

Sate - Capital
1. Andhra Pradesh - Hyderabad
2. Arunachal Pradesh - Itangar
3. Assam - dispur
4. Bihar - Patna
5. Chhattisgarh - Raipur
6. Goa - Panaji
7. Gujarat - Gandhi Nagar
8. Haryana - Chandigarh
9. Himachal Pradesh - Shimla
10 . Jammu and Kashmir - Jammu
11. Jharkhand - Ranchi
12. Karnataka - Bangalore
13. Kerala - Thiruvananthapuram
14. Madhya pradesh - Bhopal
15. Maharashtra - Mumbai
16. Manipur - Imphal
17. Megalaya - Shillong
18. Mizoram - Aizawl
19. Nagaland - Kohima
20. Orissa - Bhubaneswar
21. Punjab - Chandigarh
22. Rajashthan - Jaipur
23. Sikkim - Gangtok
24. Tamil Nadu - Chennai
25. Tripura - Agar tala
26. Uttar Pradesh - Lucknow
27. Uttarakhand - Dehradhun
28. West Bengal - Kolkata.

Monday, July 16, 2012

List of Indian state and Capital

1. Andhra Pradesh - Hyderabad
2. Arunachal Pradesh - Itangar
3. Assam - dispur
4. Bihar - Patna
5. Chhattisgarh - Raipur
6. Goa - Panaji
7. Gujarat - Gandhi Nagar
8. Haryana - Chandigarh
9. Himachal Pradesh - Shimla
10 . Jammu and Kashmir - Jammu
11. Jharkhand - Ranchi
12. Karnataka - Bangalore
13. Kerala - Thiruvananthapuram
14. Madhya pradesh - Bhopal
15. Maharashtra - Mumbai
16. Manipur - Imphal
17. Megalaya - Shillong
18. Mizoram - Aizawl
19. Nagaland - Kohima
20. Orissa - Bhubaneswar
21. Punjab - Chandigarh
22. Rajashthan - Jaipur
23. Sikkim - Gangtok
24. Tamil Nadu - Chennai
25. Tripura - Agar tala
26. Uttar Pradesh - Lucknow
27. Uttarakhand - Dehradhun
28. West Bengal - Kolkata.

List of state and union territory capitals in India

Capitals of Indian States.

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक(चिन्ह)

भारत का राष्ट्रीय पशु – टाइगर
बाघ भारत के वन्य जीवन के धन का प्रतीक है।

भारत का राष्ट्रीय पक्षी – मयूर
मयूर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है यह सौंदर्य अनुग्रह जैसे गुणों का प्रतीक है।

भारत का राष्ट्रीय जलचर – गंगा डॉल्फिन
गंगा डॉल्फिन पवित्र के रूप में गंगा की पवित्रता का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा जाता है। क्योकि यह शुद्ध और ताजा पानी में ही जीवित रह सकते हैं।

भारत का राष्ट्रीय फल – आम
आम राष्ट्रीय फल है। और अत्यंत ही मीठा होता है। आम की अति प्राचीन काल से भारत में खेती की जाती है। इसकी 100 से अधिक किस्में हैं।
  
भारत का राष्ट्रीय पुष्प – कमल
वैज्ञानिक तौर पर Nelumbo Nucifera के रूप में जाना जाता है। कमल भारत का राष्ट्रीय फूल है और यह एक पवित्र फूल है। धन ज्ञान और आत्मज्ञान भूल का प्रतीक है। यह कीचड़ में खिलकर भी स्वच्छ होता है। जो दिल और मन की पवित्रता का प्रतीक है।

भारत का राष्ट्रीय पेड़ – बरगद
भारत का राष्ट्रीय पेड़ बरगद है। यह एक विशाल पेड़ है। जो अपने आस पास के वृक्ष और राहगीर को छाया प्रधान करता और हिन्दुओ में इसे पूजा जाता है।

भारत के राष्ट्र पिता – महात्मा गांधी
सबसे पहले सुभाष चंद्र बोस द्वारा “राष्ट्र के पिता” के रूप में 4 जून १,९४४ में रंगून से आजाद हिंद रेडियो पर संबोधित किये गए बाद में भारत सरकार द्वारा मान्यता दी गई।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज  – तिरंगा
राष्ट्रीय ध्वज क्षैतिज तिरंगा शीर्ष पर  गहरा भगवा (केसरी) और नीचे गहरे हरे रंग  होता है। मध्य में सफेद  जिसपर अशोक चक्र होता है। इसके इसकी लम्बाई चौडाई का अनुपात ३:२ होता है।

भारत का राष्ट्रीय खेल – हॉकी
हॉकी में भारत का आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक के साथ एक प्रभावशाली रिकॉर्ड है। आधिकारिक तौर पर हॉकी राष्ट्रीय खेल है।

भारत का राष्ट्रीय गान – जन – गण – म..
जन – गण – मन गीत मूल रूप से बंगाली में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित है। इसके हिन्दी संस्करण को  राष्ट्रीय गान के तौर पर अपनाया गया है।

राष्ट्रीय कैलेंडर – शक संवत
राष्ट्रीय कैलेंडर शक युग चैत्र के साथ अपनी पहली महीने के रूप में और 365 दिनों की एक सामान्य वर्ष के आधार पर 22 मार्च 1957 से अपनाया गया यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ में प्रयोग किया जाता है।

 भारत का राष्ट्रीय गीत – वंदे मातरम्
गीत वंदे मातरम् बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा संस्कृत एवं बंगला में 1882 में रचित प्रेरणा किया जो के स्रोत है।  इस गीत ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी गीत के पहले दो छंद को भारत गणराज्य के राष्ट्रीय गीत का आधिकारिक दर्जा दिया गया जो संस्कृत में है।

 भारत के राष्ट्रीय प्रतीक
भारत का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक के बौद्ध शेर राजधानी (अशोक स्तम्भ का उपरी) है।  इसमें चार एशियाई शेर एक दूसरे के विपरीत दिशा में चारो दिशाओ की सुरक्षात्मक मुद्रा में है। सारनाथ भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में बनारस के पास है। भारत के प्रतीक के नीचे आदर्श वाक्य देवनागरी स्क्रिप्ट में “सत्यमेव जयते” उदित हैं – जिसका मतलब “सत्य की सदा ही जीत होती है”

भारतीय राष्ट्रीय नदी – गंगा नदी
गंगा भारत की सबसे लंबी नदी है। गंगा नदी पृथ्वी पर सबसे पवित्र नदी के रूप में हिंदुओं द्वारा प्रतिष्ठित है। किसी और नदी के मुकाबले दुनिया में सबसे भारी आबादी गंगा नदी के पास बसी है।

भारत की राज भाषा – हिंदी
हिंदी भारत देश की राज भाषा है। और विश्व में दूसरे नंबर की सब से ज्यादा लोगो  बोली जाने वाली भाषा है।