ब्रदीनाथ के कपाट 1 मई को खुलेंगे। चार धाम यात्रा की तैयारियों में प्रशासन जुट गया है। इन तैयारियों के लिये उपजिलाधिकारी ने सभी विभागों की बैठक बुलायी है। उनसे इस बैठक में कहा गया कि राष्ट्रीय राज्य मार्ग की व्यवस्थ दुरुस्त हो। चार धाम यात्रा के लिये प्रशासन सतर्क है।27 अप्रैल को गंगोत्री-यमनोत्री और 30 अप्रैल को केदारनाथ के कपाट खुल जायेंगे।
धाम यात्रा के लिए भले ही तैयारियां जोरों पर हों, लेकिन सचाई यह है कि इस बार मार्गो के बिना ठोस सर्वे किए ही यह यात्रा शुरू की जा रही है। बीते वर्ष इन मार्गो पर साढ़े पांच सौ से ज्यादा डेंजर जोन चिह्नित किए गए थे। इन्हीं के आधार पर सुरक्षा की तैयारी की जा रही है। पिछले यात्रा सीजन के बाद हुई बरसात में कई और नए स्थान डेंजर जोन के रूप में उभरे हैं, लेकिन इसकी जानकारी शायद ही विभाग के पास हो। ऐसे में चार धाम यात्रा कितनी सुरक्षित होगी, यह अंदाजा लगाया जा सकता है।
चार धाम यात्रा को कुछ ही समय रह गया है। इसके लिए संबंधित महकमों की तैयारियां जोरों पर हैं। बसों की व्यवस्था से लेकर सड़कों की मरम्मत के लिए परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग व सीमा सड़क संगठन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन इस वर्ष यात्रा से पहले यात्रा रूटों का ठोस सर्वे न तो पुलिस और न ही परिवहन विभाग ने किया है। अभी तक रूट प्लानिंग पुराने डेंजर जोन को ध्यान में रख कर ही की गई है। प्रतिवर्ष परिवहन विभाग और पुलिस अपने-अपने स्तर से चार धाम यात्रा रूटों का सर्वे कराकर तैयारी करते हैं। महकमे इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपते हैं। रिपोर्ट में सड़को की स्थिति, चौड़ीकरण, पिटवाल, रेलिंग, पैराफिट आदि की स्थिति का उल्लेख होता है। इसी हिसाब से तैयारियां की जाती हैं। देहरादून-गंगोत्री, उत्तरकाशी- यमनोत्री, ऋषिकेश-सोनप्रयाग और हरिद्वार-बदरीनाथ मार्ग का सर्वे किया जाता है। हर वर्ष इन मार्गो पर डेंजर जोन की संख्या घटती-बढ़ती है। इससे रूट की स्थिति स्पष्ट हो जाती है। इसी आधार पर तैयारियां की जाती हैं। इस वर्ष यात्रा मार्गो पर कितने डेंजर जोन घटे व बढ़े, इसकी जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। बीते वर्ष के हिसाब से ही तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि अपर परिवहन आयुक्त विनोद शर्मा कहते हैं कि परिवहन आयुक्त व अन्य अधिकारियों के अलावा वे भी यात्रा रूटों की स्थिति का निरीक्षण कर चुके हैं। सीमा सड़क संगठन और लोनिवि को दस अप्रैल तक सभी कार्य दुरुस्त करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
सोर्स: इन जागरण.com
चार धाम यात्रा को कुछ ही समय रह गया है। इसके लिए संबंधित महकमों की तैयारियां जोरों पर हैं। बसों की व्यवस्था से लेकर सड़कों की मरम्मत के लिए परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग व सीमा सड़क संगठन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन इस वर्ष यात्रा से पहले यात्रा रूटों का ठोस सर्वे न तो पुलिस और न ही परिवहन विभाग ने किया है। अभी तक रूट प्लानिंग पुराने डेंजर जोन को ध्यान में रख कर ही की गई है। प्रतिवर्ष परिवहन विभाग और पुलिस अपने-अपने स्तर से चार धाम यात्रा रूटों का सर्वे कराकर तैयारी करते हैं। महकमे इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपते हैं। रिपोर्ट में सड़को की स्थिति, चौड़ीकरण, पिटवाल, रेलिंग, पैराफिट आदि की स्थिति का उल्लेख होता है। इसी हिसाब से तैयारियां की जाती हैं। देहरादून-गंगोत्री, उत्तरकाशी- यमनोत्री, ऋषिकेश-सोनप्रयाग और हरिद्वार-बदरीनाथ मार्ग का सर्वे किया जाता है। हर वर्ष इन मार्गो पर डेंजर जोन की संख्या घटती-बढ़ती है। इससे रूट की स्थिति स्पष्ट हो जाती है। इसी आधार पर तैयारियां की जाती हैं। इस वर्ष यात्रा मार्गो पर कितने डेंजर जोन घटे व बढ़े, इसकी जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। बीते वर्ष के हिसाब से ही तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि अपर परिवहन आयुक्त विनोद शर्मा कहते हैं कि परिवहन आयुक्त व अन्य अधिकारियों के अलावा वे भी यात्रा रूटों की स्थिति का निरीक्षण कर चुके हैं। सीमा सड़क संगठन और लोनिवि को दस अप्रैल तक सभी कार्य दुरुस्त करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
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